*सोनिया - मनमोहन* वाले *काँग्रेस* के ज़माने में भी एक बार ऐसे ही भारत और चीन की सेनाएँ आमने-सामने थीं, तब मनमोहन सिंह जी ने *दौलत बेग ओल्डी* में भारत की सेना द्वारा बनाए गए बंकर को स्वयं तोड़ने का हुक्म देखकर सेनाओं को पीछे हटने के लिए कहा तथा इस प्रकार उन्होंने चीन से शान्ति स्थापित कर ली।
एक दो बार भारतीय सेना ने जब चीन से लगी सीमा पर सड़क बनाने का प्रयास किया तो चीन ने आपत्ति जताई तो मनमोहन सिंह जी के निर्देश पर सड़क बनाने का काम रोक दिया गया तथा इस प्रकार काँग्रेस ने भारत चीन सीमा पर शान्ति स्थापित कर ली।
2004 से 2014 तब इसी प्रकार पीछे हट-हटकर शान्ति स्थापित करते रहे तथा *लद्दाख सेक्टर* में 700 वर्ग किलोमीटर की भारतीय ज़मीन चीन ने शान्ति स्थापित करते हुए शान्तिपूर्वक कब्ज़ा कर ली जिसकी जनता को भनक ही नही लगी तथा मनमोहन जी Silent mode ही रहे।
यह थी *एकतरफा शान्ति की कीमत* जो काँग्रेस ने चीन को दे दी।
इसके बाद आया मोदी का शासनकाल।
मोदीजी ने आरम्भ में ही कहा था न आँख दिखाएँगे, न आँख झुकाएँगे... अर्थात न दूसरे की सीमा में जाएँगे, न अपनी सीमा में अतिक्रमण सहन करेंगे। मोदीजी ने चीन से लगे *अरुणाचल लद्दाख* एवं अन्य सीमावर्ती इलाकों पर सड़क बनाने का काम तेजी से किया, हवाई पट्टियों का निर्माण एवं मरम्मत का कार्य आरम्भ हुआ। चीनी सेना ने कई बार आपत्ति की परन्तु मोदीजी ने *पीछे हटकर शान्ति स्थापित करनेवाली काँग्रेसी परम्परा* को तिलांजलि दे दी थी। अतः सड़क भी बनी तथा हवाई पट्टी भी, बस यहीं से चीन की असली पीड़ा शुरू हुई।
यहाँ तक कि *भूटान* देश के *डोकलाम* में जब भारत तथा चीन की सेना आमने-सामने खड़ी थीं तो वहाँ भी भारत शान्ति स्थापित करने के नाम पर पीछे नहीं हटा।
आगे भी यही होता रहा। अब स्वाभाविक है जब आप पीछे नहीं हटेंगे तथा डकैत आपके घर में आएगा उससे लड़ाई ही होगी तथा लड़ाई का परिणाम जो निकलेगा उसमें दोनों पक्ष का कुछ न कुछ नुकसान होगा। जैसे आज हमारे 20 जवान वीरगति को प्राप्त हुए हैं और 43 चीनी सैनिक मारे गए तथा 100 घायल हुए हैं। आनेवाले समय में ऐसी और भी घटनाएँ देखने को मिल सकती हैं क्योंकि हमने पीछे हटकर अपनी ज़मीन चीन को दे देनेवाला शान्ति का मार्ग त्याग दिया है।
अतः हल्की टिप्पणियाँ करने के स्थान पर देश तथा सेना के साथ डटकर खड़े रहें।
*यह 2020 का भारत है।* चीनी नेतृत्व को मनमोहन, सोनिया ततग मोदीजी में अन्तर बहुत अच्छी तरह से समझ में आ चुका है।