India China LAC & International Border Discussions

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SimplyIndian

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चीन की घेराबंदी...! ... (पूरा अनालिसिस)
______

वियतनाम से लेकर दक्षिण कोरिया तक ने चीन के खिलाफ मोर्चाबन्दी शुरू कर दी है...जापान ने चीन के खिलाफ बैलेस्टिक मिसाइलें तैनात कर दी हैं...ताइवान ने भी कमर कस रखी है...ऑस्ट्रेलिया ने भी अपना मोर्चा खोल दिया है...अमेरिका के 3 युद्धपोत पहले से दक्षिण चीन सागर में तैनात हैं...जापान में अमेरिका के 60000 सैनिक हर वक़्त मौजूद रहते हैं...अपनी नेवी का एक पूरा बेड़ा अमेरिका ने जापान में तैनात कर दिया है...अब अपनी सेना को योरोप से हटाकर दक्षिण एशिया के वियतनाम...ताइवान और सिंगापुर में तैनात कर रहा है...भारत की तैयारियां हम देख ही रहे हैं...कश्मीर से लेकर अरुणाचल तक ब्रह्मोस की तैनाती हो चुकी है...जिसकी काट चीन के पास नहीं है...जब आप दुनिया के नक्शे पर इस घेरेबन्दी को देखेंगे...तो आप समझ जाएंगे कि चीन को चारों तरफ से घेर लिया गया है...
.
क्या ये एक दिन की तैयारी है...!!...क्या ये सबकुछ भारत-चीन की झड़प के बाद हो गया...!!...नहीं हो सकता...ये कोई चन्द दिनों की तैयारी नहीं हो सकती...सबकुछ काफी पहले से तय है...चीन की बर्बादी लिखी जा चुकी है...अब उसको जमीन पर उतारा जा रहा है...
.
...चीन एक वामपंथी देश है...जो ईश्वर को नहीं मानता...चीन की सत्ता ताकत के दम पर चलती है...और चीन पूरी दुनिया को उसी ताकत की धौंस दिखाकर हांकने की कोशिश कर रहा था...चीन चूंकि वामपंथी देश है...इसलिए उसका सबसे बड़ा दुश्मन लोकतंत्र है...यानी राष्ट्रवाद...इसमें कोई दो राय नहीं कि चीन एक आर्थिक महाशक्ति है...चीन ने अपने पैसों के दम पर दुनिया के तमाम लोकतांत्रिक देशों में अपने समर्थकों की एक फौज खड़ी कर रखी है...उन समर्थकों में बहुत ऊंचे ऊंचे पदों पर बैठे लोग भी शामिल हैं...कई देशों में तो सरकार ही चीन बनवाता-बिगाड़ता है...ये समर्थक चीन के हित की रक्षा करने के लिए किसी भी हद्द तक जा सकते हैं...अपने देश मे हमने देखा भी है...देख भी रहे हैं कि चीन की पहुंच पिछली सरकार में कहां तक थी...नेपाल का उदाहरण भी सबके सामने है...इसके अलावा...चीन ही आतंकवाद को फंडिंग करता है...और UN में आतंकवादियों को बचाता भी है...
.
ऐसे में...एक झड़प होती है...जिसमे एक देश के 20 जवान शहीद हो जाते हैं...और पूरी दुनिया चीन के खिलाफ मोर्चा खोल देती है...जबकि चीन के भी 45 सैनिक मारे जाते हैं...ऐसा नहीं होता...ऐसा हो ही नहीं सकता...चीन आपके देश मे आग लगवा देगा...आपके खुद के देश ऐसी अव्यवस्था फैलेगी कि आप चीन से क्या लड़ेंगे...आपको खुद को बचाने के लाले पड़ जाएंगे...ये बात हर देश के मुखिया को समझ मे आती है...यही वजह है कि आजतक चीन हर किसी को दबाता रहा...
.
...ये अचानक कोई रणनीति नहीं बनी...सबकुछ पहले से तय था...90% लोकतांत्रिक देशों में इस वक़्त वामपंथ विरोधी राष्ट्रवादी सरकारें हैं...भारत मे मोदी और अमेरिका में ट्रम्प के आने के साथ ही इस रणनीति की शुरुआत हो गई थी...मोदी के दोबारा चुने जाने के बाद...इसका क्रियान्वयन हो रहा है...क्योंकि मोदी ही सारथी हैं...
_____________

#कोरोना : इस तमाम रणनीति में सबसे दिलचस्प पहलू यही है...कोरोना क्या है...ये प्राकृतिक है...लैब में बनाया गया...या कुछ और है...ये तो आने वाला वक़्त बताएगा...लेकिन...आप एक बार कल्पना कीजिए कि अगर कोरोना ना होता तो इस वक़्त देश मे क्या हो रहा होता...!!..वही हो रहा होता जो दिल्ली में हुआ था...जो अमेरिका में हुआ...क्योंकि अमेरिका ने #लोकडाउन नहीं किया...देश के हर शहर में आग लगी होती...शाहीनबाग नाम का बम हर शहर में फुट रहा होता...क्योंकि यही तो वो लोग हैं जो चीन के टुकड़ों पर पलते हैं...हम-आप समझते थे कि...पाकिस्तान इनको फंडिंग करता है...लेकिन ऐसा नहीं है...वो तो खुद भिखारी है...वो इनको क्या देगा...ये चीन के टुकड़ों पर पलने वाले लोग हैं...कोरोना ने चीन के खिलाफ इस लड़ाई में दुनिया की जितनी मदद की है...उसके हिसाब से कोरोना की तारीफ होनी चाहिए...
.
चीन की बर्बादी के साथ ही वामपंथ और आतंकवाद से छुटकारा मिलेगा...चाहे युद्ध हो...या ना हो...चीन का बर्बाद होना तय है...
___________
.
......मोदी इस लड़ाई के सारथी हैं...आप मोदी के विदेश दौरों का मज़ाक उड़ाते रहे...उधर मोदी ने चीन के खिलाफ चक्रव्यूह रच दिया...आप पेट्रोल-डीजल का रोना रोते रहे...मोदी ने हमारी सेना को हर तरह के अत्याधुनिक हथियारों से लैस कर दिया...बॉर्डर पर सड़को और पुलों का जाल बिछा दिया..मोदी कोई साधारण इंसान नहीं हैं...वो अलग हैं...हिमालय में जाने से पहले के मोदी और थे...हिमालय से कोई और मोदी लौट के आए...आप दुनिया मे ऐसे महान लोगों की हिस्ट्री पढ़ेंगे तो पाएंगे...अधिकांश लोगों के जीवन मे एक ऐसा फेज़ आया...जिसमे वो दुनिया से अलग हो गए थे...और वापस लौटने के बाद बड़े ही अद्भुत तरीके से कामयाबी पाई...लियोनार्डो द विंची ऐसे ही एक इंसान थे...मोदीजी ने कहा..."ये संयोग नहीं प्रयोग है...हम नहीं समझे...उन्होंने जब कोरोना की लड़ाई को #महाभारत के युद्ध से जोड़ा...तब दिमाग मे कहीं कुछ खटका..
____________
.
...इस लड़ाई में हमारा क्या रोल है....!!..हमें इस लड़ाई में भी गिलहरियों वाली भूमिका अदा करनी है...छोटे छोटे काम करने हैं...चीन के समान का...उसके एप्प का बहिष्कार करना है...।
 

hit&run

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Yeah, there's the worry of how exactly Tibet will sustain itself after getting freedom with the current population trends and the nasty neighbors it will inherit. It isn't a tiny country like Bhutan.

Will need a lot of hand holding from us and others.
With initial losses, upheavals-and borders cropped heavily Tibet can sustain as a adequately large and free country supported by global powers.
 

Sanglamorre

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High tech Border like Isreali naegev desert ?
Much more. We don't face ragtag nations. It'll have to be autonomous AI that can operate in extreme cold, tackle tactical moves by enemy, and if needed, take independent actions. Erecting a border through Himalayas would also be very, very problematic.
 

Belagutti

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चीन की घेराबंदी...! ... (पूरा अनालिसिस)
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वियतनाम से लेकर दक्षिण कोरिया तक ने चीन के खिलाफ मोर्चाबन्दी शुरू कर दी है...जापान ने चीन के खिलाफ बैलेस्टिक मिसाइलें तैनात कर दी हैं...ताइवान ने भी कमर कस रखी है...ऑस्ट्रेलिया ने भी अपना मोर्चा खोल दिया है...अमेरिका के 3 युद्धपोत पहले से दक्षिण चीन सागर में तैनात हैं...जापान में अमेरिका के 60000 सैनिक हर वक़्त मौजूद रहते हैं...अपनी नेवी का एक पूरा बेड़ा अमेरिका ने जापान में तैनात कर दिया है...अब अपनी सेना को योरोप से हटाकर दक्षिण एशिया के वियतनाम...ताइवान और सिंगापुर में तैनात कर रहा है...भारत की तैयारियां हम देख ही रहे हैं...कश्मीर से लेकर अरुणाचल तक ब्रह्मोस की तैनाती हो चुकी है...जिसकी काट चीन के पास नहीं है...जब आप दुनिया के नक्शे पर इस घेरेबन्दी को देखेंगे...तो आप समझ जाएंगे कि चीन को चारों तरफ से घेर लिया गया है...
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क्या ये एक दिन की तैयारी है...!!...क्या ये सबकुछ भारत-चीन की झड़प के बाद हो गया...!!...नहीं हो सकता...ये कोई चन्द दिनों की तैयारी नहीं हो सकती...सबकुछ काफी पहले से तय है...चीन की बर्बादी लिखी जा चुकी है...अब उसको जमीन पर उतारा जा रहा है...
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...चीन एक वामपंथी देश है...जो ईश्वर को नहीं मानता...चीन की सत्ता ताकत के दम पर चलती है...और चीन पूरी दुनिया को उसी ताकत की धौंस दिखाकर हांकने की कोशिश कर रहा था...चीन चूंकि वामपंथी देश है...इसलिए उसका सबसे बड़ा दुश्मन लोकतंत्र है...यानी राष्ट्रवाद...इसमें कोई दो राय नहीं कि चीन एक आर्थिक महाशक्ति है...चीन ने अपने पैसों के दम पर दुनिया के तमाम लोकतांत्रिक देशों में अपने समर्थकों की एक फौज खड़ी कर रखी है...उन समर्थकों में बहुत ऊंचे ऊंचे पदों पर बैठे लोग भी शामिल हैं...कई देशों में तो सरकार ही चीन बनवाता-बिगाड़ता है...ये समर्थक चीन के हित की रक्षा करने के लिए किसी भी हद्द तक जा सकते हैं...अपने देश मे हमने देखा भी है...देख भी रहे हैं कि चीन की पहुंच पिछली सरकार में कहां तक थी...नेपाल का उदाहरण भी सबके सामने है...इसके अलावा...चीन ही आतंकवाद को फंडिंग करता है...और UN में आतंकवादियों को बचाता भी है...
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ऐसे में...एक झड़प होती है...जिसमे एक देश के 20 जवान शहीद हो जाते हैं...और पूरी दुनिया चीन के खिलाफ मोर्चा खोल देती है...जबकि चीन के भी 45 सैनिक मारे जाते हैं...ऐसा नहीं होता...ऐसा हो ही नहीं सकता...चीन आपके देश मे आग लगवा देगा...आपके खुद के देश ऐसी अव्यवस्था फैलेगी कि आप चीन से क्या लड़ेंगे...आपको खुद को बचाने के लाले पड़ जाएंगे...ये बात हर देश के मुखिया को समझ मे आती है...यही वजह है कि आजतक चीन हर किसी को दबाता रहा...
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...ये अचानक कोई रणनीति नहीं बनी...सबकुछ पहले से तय था...90% लोकतांत्रिक देशों में इस वक़्त वामपंथ विरोधी राष्ट्रवादी सरकारें हैं...भारत मे मोदी और अमेरिका में ट्रम्प के आने के साथ ही इस रणनीति की शुरुआत हो गई थी...मोदी के दोबारा चुने जाने के बाद...इसका क्रियान्वयन हो रहा है...क्योंकि मोदी ही सारथी हैं...
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#कोरोना : इस तमाम रणनीति में सबसे दिलचस्प पहलू यही है...कोरोना क्या है...ये प्राकृतिक है...लैब में बनाया गया...या कुछ और है...ये तो आने वाला वक़्त बताएगा...लेकिन...आप एक बार कल्पना कीजिए कि अगर कोरोना ना होता तो इस वक़्त देश मे क्या हो रहा होता...!!..वही हो रहा होता जो दिल्ली में हुआ था...जो अमेरिका में हुआ...क्योंकि अमेरिका ने #लोकडाउन नहीं किया...देश के हर शहर में आग लगी होती...शाहीनबाग नाम का बम हर शहर में फुट रहा होता...क्योंकि यही तो वो लोग हैं जो चीन के टुकड़ों पर पलते हैं...हम-आप समझते थे कि...पाकिस्तान इनको फंडिंग करता है...लेकिन ऐसा नहीं है...वो तो खुद भिखारी है...वो इनको क्या देगा...ये चीन के टुकड़ों पर पलने वाले लोग हैं...कोरोना ने चीन के खिलाफ इस लड़ाई में दुनिया की जितनी मदद की है...उसके हिसाब से कोरोना की तारीफ होनी चाहिए...
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चीन की बर्बादी के साथ ही वामपंथ और आतंकवाद से छुटकारा मिलेगा...चाहे युद्ध हो...या ना हो...चीन का बर्बाद होना तय है...
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......मोदी इस लड़ाई के सारथी हैं...आप मोदी के विदेश दौरों का मज़ाक उड़ाते रहे...उधर मोदी ने चीन के खिलाफ चक्रव्यूह रच दिया...आप पेट्रोल-डीजल का रोना रोते रहे...मोदी ने हमारी सेना को हर तरह के अत्याधुनिक हथियारों से लैस कर दिया...बॉर्डर पर सड़को और पुलों का जाल बिछा दिया..मोदी कोई साधारण इंसान नहीं हैं...वो अलग हैं...हिमालय में जाने से पहले के मोदी और थे...हिमालय से कोई और मोदी लौट के आए...आप दुनिया मे ऐसे महान लोगों की हिस्ट्री पढ़ेंगे तो पाएंगे...अधिकांश लोगों के जीवन मे एक ऐसा फेज़ आया...जिसमे वो दुनिया से अलग हो गए थे...और वापस लौटने के बाद बड़े ही अद्भुत तरीके से कामयाबी पाई...लियोनार्डो द विंची ऐसे ही एक इंसान थे...मोदीजी ने कहा..."ये संयोग नहीं प्रयोग है...हम नहीं समझे...उन्होंने जब कोरोना की लड़ाई को #महाभारत के युद्ध से जोड़ा...तब दिमाग मे कहीं कुछ खटका..
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...इस लड़ाई में हमारा क्या रोल है....!!..हमें इस लड़ाई में भी गिलहरियों वाली भूमिका अदा करनी है...छोटे छोटे काम करने हैं...चीन के समान का...उसके एप्प का बहिष्कार करना है...।
Translation please
 

Kalki2020

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Patrolled it in Summer, vacated it in winter.

My point was- either we have to attain the tech advancement to have mechanised unmanned border in winter, or free Tibet and install a friendly govt so we can vacate those areas in winter without the worry of getting Kargilled.

Till then, holding that area in winter is going to a problem with a humiliated, belligerent China looking for payback. The problem isn't toughness of our brothers, but logistical and financial. Siachen is expensive, now multiply that few thousand times.
Pls shed some light how we gaurd Siachen? Whose mercy we are at there? Is that area more treacherous then this?
When push come to shove, all undoable is also done. Btw indian geography is such that we all hostile terrain east to west to North...
No denying from need of modern arms & equipment with indigenous capabilities.
 

Belagutti

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Much more. We don't face ragtag nations. It'll have to be autonomous AI that can operate in extreme cold, tackle tactical moves by enemy, and if needed, take independent actions. Erecting a border through Himalayas would also be very, very problematic.
If china can construct the great wall at huge cost 500 years ago then at least construct high tech border at low cost.
 

Tridev123

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Finally it looks like the Chinese have come under pressure from Who knows? and started the sensible course of beginning to restore status quo ante along the LAC.
How sincere they will be and whether they will get back to April 2020 positions everywhere is a big question mark.

But for India the latest series of incidents raises a lot of worry. We have to deal with a country which does not respect signed bilateral agreements and feels it can do whatever it wants. It is pure arm twisting and blackmail. The Chinese by their actions want to keep us nervous and unsettled. What they wish to achieve by these tactics is another topic of discussion.

I feel that we cannot live in perpetual fear of possible Chinese actions. The cat has to be belled. The only way we can change their arrogant attitude is by gaining their respect. This respect can only be gained on the battle field. Only by inflicting very painful losses on the PLA can we instil a degree of fear in the Chinese. Long-term durable peace will come only if the PLA is tamed. The Chinese should realise that provoking India will lead to unacceptable losses.

A localised limited war seems inevitable if we have to change Chinese behavior. The sooner we realise this, the better. We need to seriously prepare for a limited war with the PLA probably lasting a few weeks. We will make the sacrifices necessary but teach the PLA the lesson of their lives. Unless they begin to fear us peace will not come.

We have given the inbred Pakistanis such a beating that do not dare to even think of a conventional war with us and rely on terrorism to pinprick us. The nation which used to declare that 1 Pakistani soldier is equal to 10 Indian soldiers is now scared shit of our capability.

It is well within our capability to teach a similar lesson to the Chinese. The Ba**ta*ds need to be taught a humiliating lesson. They are the aggressors here and even morally we are on the higher ground.
 

ThE BrOkEn HeArT

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I think we should try to do a reverse 1962 on Pakistan. A sudden attack on GB this winter outta nowhere after all mountain passes are closed along LAC. During US elections may be the perfect window.
Modi had plan to take POK back in 2020 but now it's postponed because of pandemic and slow economy.
Now new date is November 2023.
 

Sanglamorre

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Pls shed some light how we gaurd Siachen? Whose mercy we are at there? Is that area more treacherous then this?
When push come to shove, all undoable is also done.
No denying from need of modern arms & equipment with indigenous capabilities.
Siachen is sustainable because it's a comparatively small area. Aksai, and whole of Indo-Tibet border is massive. The problem will be financial. Siachen is pretty expensive to hold, but it's sustainable due to size.

Even the soldiers posted there have to be put on rotation due to the hostile weather that whittles away at their vitality. So, the same condition throughout a massive area will be a stress on manpower as well.

We need either a tech advancement or a political solution (Tibet) to hold on that territory.

Btw, this same will affect China this year if they decide to camp. I'm looking forward to them realising the price of crossing us. Either they defend, or fear getting Kargilled.
 

Kalki2020

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Finally it looks like the Chinese have come under pressure from Who knows? and started the sensible course of beginning to restore status quo ante along the LAC.
How sincere they will be and whether they will get back to April 2020 positions everywhere is a big question mark.

But for India the latest series of incidents raises a lot of worry. We have to deal with a country which does not respect signed bilateral agreements and feels it can do whatever it wants. It is pure arm twisting and blackmail. The Chinese by their actions want to keep us nervous and unsettled. What they wish to achieve by these tactics is another topic of discussion.

I feel that we cannot live in perpetual fear of possible Chinese actions. The cat has to be belled. The only way we can change their arrogant attitude is by gaining their respect. This respect can only be gained on the battle field. Only by inflicting very painful losses on the PLA can we instil a degree of fear in the Chinese. Long-term durable peace will come only if the PLA is tamed. The Chinese should realise that provoking India will lead to unacceptable losses.

A localised limited war seems inevitable if we have to change Chinese behavior. The sooner we realise this, the better. We need to seriously prepare for a limited war with the PLA probably lasting a few weeks. We will make the sacrifices necessary but teach the PLA the lesson of their lives. Unless they begin to fear us peace will not come.

We have given the inbred Pakistanis such a beating that do not dare to even think of a conventional war with us and rely on terrorism to pinprick us. The nation which used to declare that 1 Pakistani soldier is equal to 10 Indian soldiers is now scared shit of our capability.

It is well within our capability to teach a similar lesson to the Chinese. The Ba**ta*ds need to be taught a humiliating lesson. They are the aggressors here and even morally we are on the higher ground.
Btw except deployment, this issue has exposed us badly when it comes to our preparedness towards China... We are running helter-skelter for weapons & etc... Thanks to Heros of Galwan who actually prevented all future skirmishes in current scenario without firing a shot. Chinese gotta taste of what looks like to face a "motivated battle hardened army" even in hand to hand combat.
 

cereal killer

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Modi had plan to take POK back in 2020 but now it's postponed because of pandemic and slow economy.
Now new date is November 2023.
This also holds true for Pakistan as well. Their economy is also at their lowest. Besides we have done emergency procurement as well & majority of equipment is ready in ladakh along with troops. I don't see any reason that now is not the perfect time.
 

ThE BrOkEn HeArT

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The de-escalation will happen when pla will move back from f4 to F8 to status quo of April. They had temporary base between f5 and F6. . I am pretty sure even if they withdraw they will make that base permanent.
Exactly. Actually China is ready to withdraw from f4 to 8 and bring back the status quo but before they do it, they need face saving. This standoff has become neck bone for PLA. They can't fight war, nor they can't withdraw without face saving. So Ajit Doval suggested three steps to save China's face and to maintain status quo peacefully.
1. Disengagement
2. De-escalation
3. De-Indunction
You will see in coming days Indian Army patrolling between f4 to f8.
The real game is being played behind the curtains.
 

Sanglamorre

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Exactly. Actually China is ready to withdraw from f4 to 8 and bring back the status quo but before they do it, they need face saving. This standoff has become neck bone for PLA. They can't fight war, nor they can't withdraw without face saving. So Ajit Doval suggested three steps to save China's face and to maintain status quo peacefully.
1. Disengagement
2. De-escalation
3. De-Indunction
You will see in coming days Indian Army patrolling between f4 to f8.
The real game is being played behind the curtains.
How do you know this? I'm not being sarcastic, I'm honestly just asking if you saw some signs to point towards this.
 

Kalki2020

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Modi had plan to take POK back in 2020 but now it's postponed because of pandemic and slow economy.
Now new date is November 2023.
I hope you are not following astrology for date & time .... 😜
I doubt we will have to wait that far for military action, from september month it will be interesting to see for how long pakistan will be able to extend its bankruptcy, remember no donors will come running in the current scenario of world wide economic depression.. Non-military solution is brewing up, don't worry....
 
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